Haddi Film Hindi Review: ट्रांसजेंडरों की बेबसी, ताकत और संघर्ष को दर्शाती है Nawazuddin Siddiqui ‘हड्डी’, पढ़ें फुल मूवी रिव्यू…
Nawazuddin Siddiqui Haddi Movie Review In Hindi: अक्सर हम ट्रांसजेंडर को लेकर कई तरह की स्टोरीज सुनते हैं. लेकिन शायद ही हमने कभी उन ट्रांसजेंडर को करीब से जानने की कोशिश की होगी. हमारी फिल्म इंडस्ट्री अक्सर ट्रांसजेंडर की लाइफ से जुड़ी स्टोरी पर फिल्म बनाती रहती है. वहीं एक बार बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ट्रांसजेंडर (Nawazuddin Siddiqui) के लाइफ से जुड़ी एक नई फिल्म लेकर आ गये हैं. फिल्म में इनके साथ अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) भी विलेन के रोल में नजर आ रहें हैं.
इस फिल्म को लेकर एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी काफी वक्त से सुर्खियों बने हुए थे. फाइनली नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘हड्डी’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दस्तक दे चुकी है. अब उनके फैंस का इंतजार खत्म हो चुका है फिल्म ‘हड्डी’ ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘जी 5’ (Zee5) पर रिलीज हो चुकी है.
Movie Review (मूवी Review): हड्डी (Haddi)
Star Cast (स्टार कास्ट): नवाजुद्दीन सिद्दीकी, मोहम्मद जीशान अयूब, अनुराग कश्यप , इला अरुण , सौरभ सचदेवा, श्रीधर दुबे, सहर्ष शुक्ला और विपिन शर्मा
Writer (लेखक): अदम्य भल्ला और अक्षत अजय शर्मा
Director (निर्देशक): अक्षत अजय शर्मा
Producer (निर्माता): जी स्टूडियोज , संजय सहा और राधिका नंदा
OTT Platform (ओटीटी प्लेटफॉर्म): जी 5
Category (केटेगरी): Hindi Crime Drama
Time Limit (समय सीमा): 2 Hours 14 Minutes
Release Date (रिलीज): 7 सितंबर 2023
ट्रांसजेंडर संघर्ष की कहानी है ‘Haddi’ फिल्म
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी नई फिल्म ‘हड्डी’ के जरिये एक नई लकीर खींचने की कोशिश की है. क्योंकि ये ट्रांसजेंडर की किरदार (Transgender Role) स्त्री और पुरुष दोनों वेष में दिखता है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘हड्डी’ इलाहाबाद के रहने वाले ट्रांसजेंडर हड्डी की कहानी है, जिसे हमेशा परिवार और समाज के लोगों से तिरस्कार ही मिला है. ये समाज तो उसे जिंदा भी नहीं देखना चाहता है, लेकिन मौत शायद उसके किस्मत में लिखा ही नहीं हैं. शायद इसलिए मौत के करीब पहुंचकर भी हड्डी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) जिंदा बच जाता है. तभी उसे अम्मा (इला अरुण) का साथ मिलता है, और अम्मा उसे बहुत अच्छे से पढ़ा- लिखा कर एक अच्छा इंसान भी बनाती है. बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के ट्रांसजेंडर की स्टोरी पर आधारित ये फिल्म ‘हड्डी’ हमारे समाज के स्टोरी को दर्शाती है. हड्डी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अम्मा (इला अरुण) से मिलते ही वो पढ़-लिख कर अपनी लाइफ में आगे बढ़ता है. लाइफ में जब हड्डी आगे बढता है, तो उसकी जिंदगी में प्रमोद अहलावत (अनुराग कश्यप) की एंट्री होती है. वह एक राजनेता होता है. राजनेता की एंट्री के बाद हड्डी की लाइफ की स्टोरी पूरी तरह से बदल जाती है क्योंकि प्रमोद अहलावत बहुत ही लालची और एक मतलबी राजनेता होता है. प्रमोद अहलावत अपने फायदे के लिए लोगों की जान लेने में भी नहीं चुकता है.
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कमजोर है हड्डी फिल्म की कहानी
नवाज जैसे बेहतरीन कलाकार के हिसाब से हड्डी फिल्म की कहानी बेहद कमजोर नजर आती है. जितना हड्डी के ट्रेलर में दिखाया गया था. यह फिल्म असल में उतनी ही कमजोर नजर आई. नवाज जैसा कलाकार और बेहद गंभीर मुद्दा होने के बावजूद भी फिल्म बेदम ही नजर आती है. फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी उलझा हुआ और धीमा नजर आता है. फिल्म किस दिशा में जाती है क्या फिल्म की कहानी है कुछ समझ नही आता है. वहीं दूसरा भाग इतनी तेजी से आगे बढ़ता है कि फिल्म कब खत्म हो जाती है यह पता ही नही चल पता है.
कमजोर कहानी के बावजूद भी दमदार हैं नवाज़
फिल्म की कहानी कमजोर होने के बावजूद नवाज ने ट्रांसजेंडर के किरदार में जान फूंक (Nawazuddin Siddiqui Impressive Acting) दी है. कई जगह नवाज की अदाए देखकर यह लगता है कि कोई यह किरदार कोई मेल एक्टर नही बल्कि कोई एक्ट्रेस ही निभा रही है. नवाज अपनी दमदार एक्टिंग से एक कमजोर कहानी को भी दिलचस्प बना देते हैं. उन्हें ट्रांसजेंडर की भूमिका में स्क्रीन पर देखना अच्छा लगता है. जिस तरीके से उन्होंने साड़ी पहनकर आँखों से इतराते हुए देखना ऐसा लगता है कि किस तरह से वह अपने रोल को घोल कर पी चुके थे.
कैसी है Haddi के कलाकारों की एक्टिंग
अनुराग कश्यप जितना अच्छा काम कैमरे के पीछे करते है, उतना ही बेकार काम वह पर्दे के आगे करते नजर आये. अनुराग कश्यप जितनी देर भी पर्दे पर नजर आये उतनी ही फेक एक्टिंग करते नजर आये. उनके आलावा अन्य कलाकारों जीशान अयूब, इला अरुण, सौरव सचदेवा भी फिल्म में मौजूद हैं. सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया है.
कहा हुई हड्डी फिल्म में चूक
हड्डी फिल्म के गाने और ह्यूमर में मार खाती हुई दिखाई दी. हड्डी फिल्म की कहानी काफी बिखरी हुई सी लगी. फिल्म के सीन्स को एक साथ सजाने में निर्देशक चूक गए. फिल्म में मीम्स से इंस्पायर जोके भी सुने देते है जिन्हें सुनना बिलकुल भी अच्छा नही लगता है.फिल्म का डायरेक्शन भी काफी वीक लगा रहा है. जितना ट्रेलर में दिखाया गया था अगर उसका आधा भी फिल्म में काम कर देते तो इस फिल्म को देखने में काफी मजा आता.
नवाज की फिल्म देखे या नही
फिल्म में नवाज का काम काफी सराहनीय है. अगर आप नवाजुद्दीन के फैंस हैं, और उनके काम को पसंद करते हैं. तो उनके काम के लिए आप इस फिल्म को देख सकते हैं.
Editor