Dharmendra के तरह Virendra Singh Deol भी थें सुपरस्टार, फिल्म के सेट पर मार दी गई थी गोली, जानिए किस्सा…
Virendra Singh Deol Flashback Story: बॉलीवुड सिनेमा (Bollywood Cinema) के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) को कौन नहीं जानता, धर्मेंद्र के पर्सन लाइफ से लेकर प्रफेशनल लाइफ तक के आपने कई किस्से सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धर्मेंद्र के एक भाई भी थें. जी हां, बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र के साथ भाई अजीत सिंह देओल (Ajeet Singh Deol) और चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह देओल भी एक्टर थें. अजीत देओल बॉलीवुड में थें, वहीं वीरेंद्र देओल पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार थें. लेकिन एक्टर धर्मेंद्र की ट्रू कॉपी कहे जाने वाले उनके भाई वीरेंद्र देओल के साथ एक ऐसा हादसा हुआ था, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे, चलिए जानते हैं इस दर्दनाक स्टोरी के बारे में…
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह देओल भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन आज भी वो दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं. पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर वीरेंद्र सिंह देओल को बहुत ही कम लोग जानते हैं. जिसकी एक ही वजह है. दरअसल, वीरेंद्र सिंह देओल बेहद कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था. धर्मेंद्र की तरह ही वीरेंद्र भी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का किंग कहे जाते थें. अपने करियर में उन्होंने करीब 25 फिल्में दिए और ये सभी फिल्में सुपरहिट साबित हुईं. इतना ही नहीं विरेंद्र सुपरस्टार के साथ-साथ एक सक्सेसफुल निर्माता-निर्देशक भी थें. लेकिन साल 1988 में फिल्म की सेट पर वीरेंद्र देओल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
Virendra Singh Deol की हुई थी हत्या
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बॉलीवुड सुपरस्टार धर्मेंद्र और वीरेंद्र देओल चचेरे भाई थें. लेकिन दोनों भाईयों में सगे भाई से भी बढ़कर प्यार था. धर्मेंद्र के छोटे भाई वीरेंद्र देओल पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के किंग माने जाते थें. लेकिन एक हादसे की वजह से एक्टर की जान चली गई थी. अपने भाई वीरेंद्र देओल के साथ हुए इस हादसे की वजह से धर्मेंद्र बुड़ी तरह टूट गए थें, क्योंकि महज 40 की उम्र में उनके भाई को फिल्म की शूटिंग के दौरान गोली मार कर हत्या कर दिया गया था. उस दौर में वीरेंद्र देओल पंजाबी इंडस्ट्री के बड़े स्टार होने के साथ एक सक्सेसफुल निर्माता-निर्देशक भी थें.
उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं. वीरेंद्र की शक्ल अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र से बहुत मिलती थी, जिसकी वजह से उन्हें पंजाबी सिनेमा में धर्मेंद्र भी कहा जाता था. पंजाबी मूवीज के बाद उन्होंने अपने फिल्मी करियर में हिंदी सिनेमा में साल 1981 में आई फिल्म ‘खेल मुकद्दर का’ (Khel Muqaddar Ka) और साल 1977 में आई फिल्म ‘दो चेहरे’ (Do Chehere) बनाईं, ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं.
किसने विरेंद्र को मारी थी गोली?
80 के दशक में अभिनेता विरेंद्र देओल सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे थें, विरेंद्र न सिर्फ पंजाबी सिनेमा में ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा में भी अपना कदम जमाने लगे थें. जिसकी वजह से फिल्म इंडस्ट्री में उनकी कई दुश्मने भी पैदा होने लगा था. साल 1988 में फिल्म ‘जट्ट ते जमीन’ (Jatt Te Zameen) की शूटिंग के दौरान वीरेंद्र देओल की हत्या हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वीरेंद्र की हत्या आतंकवादियों ने किया था. उस वक्त पंजाब (Panjab) में आतंकवादी की गोलीबारी की घटनाएं बहुत ही आम थी और उस दौरान वीरेंद्र फिल्म की शूटिंग पर गए और कुछ अनजान लोगों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. हालांकि, इस बात का आज तक पता नहीं चला की हत्या करने वाले कौन था और उनकी हत्या क्यों किया गया था.
विरेंद्र ने धर्मेंद्र के साथ किया था करियर की शुरुआत
बता दें, पंजाबी सिनेमा (Panjabi Cinema) के दिवंगत अभिनेता वीरेंद्र देओल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अपने भाई यानी बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के साथ साल 1975 में किया था. फिल्म का नाम था ‘तेरी मेरी एक जिंदड़ी’ (Teri Meri Ikk Jindri) जी हां, इस फिल्म में दोनों भाई एक साथ नजर आए थें. एक तरफ जहां हिन्दी सिनेमा में धर्मेंद्र का कदम जमने लगा, वहीं दूसरी ओर वीरेंद्र भी फिल्मों के सुपरस्टार बन गए थें. खबरों की माने तो विरेंद्र की सफलता ही उनकी दुश्मन बन गया था. फिल्मी दुनिया में कई लोग विरेंद्र से चिढ़ने लगे थे और 6 दिंसबर, 1988 को वीरेंद्र देओल को फिल्म ‘जट ते जमीन’ की शूटिंग के दौरान हत्या कर दिया गया था.
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