Sadhana Shivdasani Throwback Story: करोड़ो दिलों पर राज करती हैं साधना शिवदासानी, इस फिल्म ने रातों-रात बना दिया था स्टार…
Sadhana Shivdasani Untold Story: 60 और 70 के दशक की मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदासानी को कौन नहीं जानता, वो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर मूवीज में काम कर चुकी हैं. अब भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी वो अपने एक्टिंग के जरिए फैंस के दिलों में राज कर रही हैं और आने वाले वक्त में राज करती रहेंगी. आइए जानते एक्ट्रेस के लाइफ से कई दिलचस्प स्टोरी…
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की दिवंगत अभिनेत्री साधना शिवदासानी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. जिसकी वजह से एक्ट्रेस के लिए उनके पिता ने फिल्मों के दुनिया में अपनी बेटी के लिए कोशिश किया और साल 1955 में आई फिल्म ‘श्री 420’ (Shree 420) के एक गाने नजर आई थीं. इस गाने का नाम था, ‘इचक दाना बिचक दाना’ (Ichak Dana Beechak Dana) ये गाना सुपरहिट हुआ था, आज भी लोगों के दिलों में ये गाना छाई रहती है. इस गाने में उनका रोल इतना छोटा था कि एक्ट्रेस पर किसी की नजर नहीं पड़ी, लेकिन उनका एक्टिंग ज्यादा दिन तक नहीं छुप नहीं पाया, अभिनेत्री साधना शिवदासानी की शुरूआती ज़िंदगी तो बहुत हसीन और खूबसूरत थी.
लेकिन लाइफ का अंजाम बहुत बुरा हुआ था. बता दें, साधना शिवदासानी का जन्म 2 सितंबर 1941 में एक सिंधी परिवार में हुआ था. एक्ट्रेस अपने मां बाप की एक इकलौती बेटी थीं. खबरों की माने उनके पिता ने उनका नाम साधना शिवदासानी इसलिए रखा था, क्योंकी साधना बोस (Sadhana Bose) उनकी फेवरेट एक्ट्रेस हुआ करती थी. साधना का जन्म पकिस्तान में हुआ था, लेकिन हिंदुस्तान और पकिस्तान के बंटवारे के दौरान वो कराची से मुंबई आ गई थीं.
Sadhana Shivdasani डेब्यू फिल्म
हिन्दी सिनेमा (Hindi Cinema) की दिवंगत अभिनेत्री साधना शिवदासानी को बचपन से ही एक्टिंग में दिलचस्पी था. साधना शिवदासानी माथा ज़रा चोड़ा था. जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कत आती थीं. लेकिन उन्होंने महज 15 साल की उम्र से ही कॉलेज के ड्रामा में हिस्सा लेना शुरू किया और उनका एक्टिंग टैलेंट ज्यादा दिन तक लोगों से छुप नहीं पाया, एक प्रोड्यूसर का नजर साधना शिवदासानी पर पड़ी और उन्होंने एक रूपए का टोकन अमाउंट देकर उन्हें साल 1958 में आई एक सिंधी फिल्म ‘अबाना’ (Abana) के लिए साइन किया और इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. दरअसल, उस वक्त उनकी फोटो किसी मैगजीन में छपी और शशिधर मुखर्जी (Sashadhar Mukherjee) की नज़र इस तस्वीर पर पड़ी.
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उस दौर में शशिधर मुखर्जी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े प्रोड्यूसर हुआ करते थें और उन्होंने साल 1960 में आई फिल्म ‘लव इन शिमला’ (Love in Simla) के लिए अपने बेटे जॉय मुखर्जी (Joy Mukherjee) के साथ उन्हें साइन किया और बड़े पर्दे पर अभिनेत्री को लॉन्च किया. साल 1960 में आई इस रोमांटिक फिल्म को आर के नैयर (R. K. Nayyar) ने डायरेक्ट किया था. जॉय मुखर्जी और साधना शिवदासानी की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई और इस फिल्म के बाद एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस फिल्म ने अभिनेत्री को रातों-रात स्टार बना दिया था. इसके बाद एक्ट्रेस फिल्मी करियर में अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों पर जादू कर दिया था. दर्शक उनकी एक्टिंग के साथ-साथ उनकी खूबसूरती के दिवाने हो गए थें. लोगों पर उनकी एक्टिंग और खूबसूरती का जादू सीर चढ़कर बोलने लगा था.
साधना शिवदासानी ‘साधना कट’
बता दें, माथा चौड़ा होने की वजह से एक्ट्रेस को काफी दिक्कत आती थीं. वो मेकअप से भी अपने माथे को सही नहीं कर पाती थीं. उस वक्त फिल्म निर्देशक नय्यर साहब यानी ओंकार प्रसाद नय्यरी (Omkar Prasad Nayyar) की फिल्म में काम कर रही थीं और नय्यर साहब को साधना जी का चौड़ा माथा बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था. जिसकी वजह से उन्होंने साधना जी को हॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न (Audrey Hepburn) की तस्वीर दिखाई और उन्होंने साधना जी को ऑड्रे हेपबर्न जैसा हेयर कट करवाने का सलाह दिया.
फिर क्या था, अभिनेत्री साधना शिवदासानी ने नय्यर साहब का बात मान लिया और वैसा ही हेयर कट करवा लिया. साधना शिवदासानी का ये हेयर कट को दर्शकों ने काफी ज्यादा पसंद किया था. खासतौर पर लड़कियां उनकी इस हेयर कट काफी पसंद किया था. उस दौर में साधना शिवदासानी की ‘साधना कट’ काफी फेमस हुआ था.
साधना शिवदासानी ब्लॉकबस्टर मूवीज
बॉलीवुड अभिनेत्री साधना शिवदासानी ने अपनी फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक यादगार मूवीज दी, लेकिन साल 1964 में आई फिल्म मिस्ट्री और थ्रिलर से भरपूर फिल्म ‘वो कौन थी’ (Woh Kaun Thi?) कोई भला कैसे भूल सकता है. साधना शिवदासानी के इस फिल्म के गाने सुपरहिट साबित हुए थे, जिसे म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन (Madan Mohan) दिवंगत सिगंर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आवाज और राइटर राजा मेंहदी अली खान (Raja Mehdi Ali Khan) के बोल और अभिनेत्री साधना शिवदासानी की एक्टिंग ने बॉक्स ऑफिस पर चार चांद लग दिया था. ये फिल्म उस दौर की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक थी.
बता दें, इस बीच एक्ट्रेस को एक और फिल्म ऑफर हुई और फिल्म थी साथ 1963 में आई फिल्म ‘मेरे महबूब'(Mere Mehboob) जी हां, अभिनेत्री के लाइफ का ये किस्सा भी मशहूर है. जब फिल्म ‘मेरे महबूब’ के लिए साधना जी को अप्रोच किया गया तो, उन्होंने इस फिल्म को में काम करने से इंकार कर दिया था और एक्ट्रेस उस दौर के मशहूर डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) से कहा कि समझ नहीं आता कि मैं ये फिल्म क्यों साइन करूं. जिसके बाद डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी ने साधना जी से पूछा कि इस फिल्म में हीरो कौन है तो, उन्होंने बताया की इस फिल्म में राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) काम करने वाले हैं.
हिन्दी सिनेमा के दिवंगत अभिनेता राजेंद्र कुमार का नाम सुनकर ऋषिकेश मुखर्जी ने साधना जी से कहा कि तुम ये फिल्म को ज़रूर करो, क्योंकि राजेंद्र कुमार अक्सर अच्छी स्क्रिप्ट को ही चुनते हैं, ऋषिकेश मुखर्जी का बात सुनकर साधना जी ने फिल्म ‘मेरे महबूब’ को साइन किया. जब ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आई तो चारों ओर धमाल मचा गई थी. ये फिल्म भी उनकी बाकी फिल्मों के तरह बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और फिर उन्होंने साल 1965 में आई मल्टीस्टारर रोमांटिक और थ्रिलर फिल्म ‘वक्त’ (Waqt) को साइन किया.
इस वजह से अमेरिका गई थीं साधना शिवदासानी
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. दरअसल, इसी बीच अभिनेत्री साधना शिवदासानी को थाइरॉइड हुआ, जिसकी इलाज करवाने की वजह से अमेरिका चलीं गई थीं. एक्ट्रेस को अमेरिका जाने की खबर सुनकर हर किसी को यहीं लग रहा था अब वो कभी भी वापिस नहीं आएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अभिनेत्री वापस आईं और उन्होंने साल 1988 में आई फिल्म ‘इंतकाम’ Inteqam) को साइन किया. ये फिल्म भी उनकी हर फिल्मों के तरह सिनेमाहॉल में सुपरहिट साबित हुई.
इसी के बाद उन्होंने ‘एक फूल और दो माली’ (Ek Phool Do Mali), ‘गीता मेरा नाम’ (Geetaa Mera Naam) समेत कई फिल्मों में काम की, उनकी ये फिल्में भी सिनेमाघरों में जबरदस्त धमाल मचाई और जमकर कलेक्शन भी किया, इसके बाद अभिनेत्री साधना शिवदासानी फिल्मों से धीरे-धीरे दूर होते गईं, दरअसल, साधना जी का मानना था की वो फिल्मों में सिर्फ बतौर लीड हीरोइन काम करेंगी, उस दौर में उन्होंने हिन्दी सिनेमा के तमाम दिग्गज अभिनेताओं के साथ स्क्रीन शेयर कर चुकी थीं और उनकी जोडी को बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों की ओर से खूब पसंद भी किया गया था.
साधना शिवदासानी लव स्टोरी
60 और 70 के दशक की मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदासानी ने उस दौर में टाइट चूड़ीदार कुर्ता और सलवार कमीज़ से लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई थीं. हर कोई एक्टिंग और खूबसूरती के साथ उनकी स्टाइल के दिवाने थें, लेकिन साधना जी अपना दिल किसी और को दे बैठी थीं.
जी हां, दरअसल साधना शिवदासानी बॉलीवुड के दिग्गज फिल्मों के डायरेक्टर आर के नैयर (R. K. Nayyar) को अपना दिल दे बैठी थीं. साधना जी को बतौर अभिनेत्री फिल्म ‘लव इन शिमला’ के जरिए आर के नैयर ने डायरेक्ट किया था और फिल्म ने साधना शिवदासानी और डायरेक्टर आर के नैयर की कैमिस्ट्री लाजवाब थी. ये दोनों लोग बेहद ही अच्छे तरह से एक-दूसरे को समझते भी थें और 7 मार्च 1966 में वे दोनों शादी कर हमेशा के लिए एक हो गए थें.
साधना शिवदासानी दिलचस्प स्टोरी
बता दें, शादी के पवित्र बंधन में बधने के बाद एक्ट्रेस साधना शिवदासानी अपने पति आर के नैयर के साथ 30 सालों तक एक साथ रहें, लेकिन अफसोस की तो, ये है कि साल 1995 में बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म डायरेक्टर और साधना शिवदासानी के पती आर के नैयर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, आर के नैयर को यू दुनिया को छोड़ जाने के बाद एक्ट्रेस साधना शिवदासानी बिल्कुल हक अकेली पड़ गई थीं. क्योंकि उन दोनों का कोई संतान भी नहीं था. साधना जी, अपने पति आर के नैयर की निधन के बाद करीब 20 सालों तक बिल्कुल ही अकेली रही.
आपना कोई न होने की वजह से एक्ट्रेस काफी परेशान रहने लगी थीं. उनकी परेशानी की वजह उनका घर था, क्योंकि घर पर मुकदमा चल रहा था, जिसकी वजह से उन्हें अक्सर पुलिस के और अदालत के चक्कर लगाने पडते थे, आखिर दिनों में बीमारी की हालत में थीं और 25 दिसंबर साल 2015 में साधना शिवदासानी इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में साधना शिवदासानी जैसी ना कोई थी और ना ही कोई होगी, आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन वो आज भी और आने वाले वक्त में भी वो अपने चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं और राज करती रहेंगी.