Bollywood Kissa: इस एक्ट्रेस के नाम पर आज भी गूंज उठता है संसद, Indira Gandhi सरकार ने किया था अत्याचार, जानिए दर्दनाक किस्सा…
Snehalata Reddy-Indira Gandhi Kissa: आज की ये दास्ता है भारतीय कन्नड फिल्मों की दिवंगत अभिनेत्री, निर्माता, और समाजिक कार्यकर्ता जिन्होंने उस दौर में अपनी एक्टिंग और खूबसूरती से अपना वो नाम और और पहचान बनाई, आज भी लोग उनका नाम बड़े ही इज्ज़त और सम्मान के साथ याद करते हैं. ये कोई और नहीं बल्कि इतिहास कि बेहिसाब अत्याचार सहने वाली अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी हैं. इस दिग्गज अभिनेत्री के साथ ऐसा क्या हुआ था की भारतीय सिनेमा कि 111 साल पुरानी इतिहास में यह एक ऐसी एकलौती एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने फिल्मी दुनिया की इतिहास में एक शाहिद अभिनेत्री कहलाई, आइए जानते हैं इस दर्दनाक कहानी के बारे में…
भारतीय सिनेमा की दिवंगत अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी का कसूर बस इतना था कि वो एक बड़े समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की एक बहुत अच्छी दोस्त थीं. जिन्हें इमरजेंसी के समय कांग्रेस सरकार ने पकड़ने की कोशिश में थी. आखिर इमरजेंसी के इतिहास में ऐसा क्या हुआ था. आखिर किस जुर्म में कांग्रेस सरकार ने स्नेहालता रेड्डी को 8 महीने तक जेल में कैद कर रखा और दी थी बेहद ही दर्दनाक और भयानक सजा, जिसे सुनकर आज भी आपके रूह तक काप जाएंगे.
Snehalata Reddy कौन थीं?
बता दें, 25 जून साल 1975 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने पुरे देश में इमरजेंसी को अनाउंसमेंट की थी. 25 और 26 जून 1975 की रात प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश और राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) के साइन के साथ देश में आपातकाल लागू हो गया था. इसके बाद यह आपातकाल 21 मार्च 1977 को खत्म हुई थी.
ये किस्सा उन 19 महीने की है, जब देश में इमरजेंसी लगी रही थी. इन 19 महीनों में देश के लाखों लोगों को जेल हुई और उन्हीं में से एक है भारतीय कन्नड फिल्मों की दिवंगत अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी, जिनका कुछ कसूर न होने के वाबजूद भी बेहिसाब अत्याचार सहना पड़ा था. जरा सोचिए कि भारतीय कन्नड सिनेमा कि एक मशहूर अभिनेत्री जिसने अपनी एक्टिंग की वजह कई पुरुस्कार जीत रखे हों. उसे इंद्र सरकार ने बिना किसी कसूर को गिरफ्तार कर जेल में बंद ही नहीं बल्कि रूह कंपा देने वाली टॉचर भी किया था.
स्नेहालता रेड्डी का जन्म
भारतीय फिल्म की अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहालता रेड्डी का जन्म 1932 में आंध्र प्रदेश के ईसाई धर्मान्तरित परिवार में हुआ था. स्नेहलता ने अपने बच्चन में परिवार के साथ काफी दुख और तकलीफों का सामाना किया और जब वो थोड़ी बड़ी हुई तो, अपने आसपास अंग्रेज का जुल्म देखा, जिसकी वजह से एक्ट्रेस क्रांतिकारी और बगावती विचारों की बनती गईं और उन्होंने ब्रिटिश शासन का कड़ा विरोध किया था. इन चीजों को देखते हुए एक्ट्रेस ने अपना ईसाई नाम बदल कर भारतीय नाम स्नेहालता रेड्डी कर लिया था. वो अंग्रेजों से इस कदर नाराजगी जताई थीं कि वो अपने नाम ही नहीं बल्कि भारतीय कपड़े और वेशभूषा अपना लिया था. अभिनेत्री स्नेहलता ने कवि, गणितज्ञ और फिल्म निर्देशक पट्टाभि रामा रेड्डी के साथ शादी के पवित्र बंधन में बंध गई थीं. उन्होेंने अपने फिल्मी करियर में कन्नड़ थिएटर, कन्नड़ सिनेमा, तेलुगु थिएटर और तेलुगु सिनेमा में खूब काम किया था.
स्नेहालता रेड्डी पर लगाए गए थे ये इल्ज़ाम
भारतीय कन्नड अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन उनके लाइफ से जुड़े कई किस्से आज भी लोगों के बीच काफी मशहूर है और उन्हीं में एक किस्सा ये भी है जिसकी वजह से आज भी एक्ट्रेस के नाम पर पुरा संसद भवन गूंज उठता है और आज भी स्नेहलता के नाम पर गांधी परिवार को काले अक्षरों में काला धवा मना जाता है. दरअसल, इमरजेंसी के दौरान एक्ट्रेस पर इल्ज़ाम लगाए गए थे कि वो डाइनामाइट से दिल्ली में संसद भवन और कई मुख्य इमारतों को धमाका कर उड़ाना चाहती थीं. हालांकि, इनमें से कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ था. इसके बावजूद भी अभिनेत्री ‘मैंनेटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट’ के तहत एक कैद बनकर जेल में हि रही थी. ये ‘मैंनेटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट’ (मीसा) एक्ट वही एक्ट है जिससे इमरजेंसी के दौरान सबसे ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी.
स्नेहालता रेड्डी को रखा गया था कठोर कारावास में
हिन्दी सिनेमा के 111 साल पुराने इतिहास में स्नेहालता रेड्डी एक ऐसी एकलौती एक्ट्रेस थीं, जो शाहिद एक्ट्रेस कहलाई जाती हैं. बता दें, भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार कुलदीप नैयर साहब की किताब ‘इमरजेंसी रिटोल्ड’ में अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी के साथ हुए इन अत्याचारों का जिक्र किया गया हैं. कुलदीप नैयर साहब की इस किताब में लिखा गया है कि जब स्नेहालता रेड्डी को गिरफ्तार कर जेल में ले जाया गया था, तो उस वक्त उनसे सच्च बुलवाने के लिए एक ऐसी कोठरी बंद कर दिया गया था.जिस कोठारी में सिर्फ एक ही इंसान रह पाए. उस काल-कोठरी में पेशाबघर की नहीं बल्कि कोने में एक छेद था. उसी कोठरी में खाना, रहना और सोना भी पड़ता था.
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लगा कि वो एक्ट्रेस स्नेहलता रेड्डी को गिरफ्तार कर जॉर्ज फर्नांडिस (George Fernandes) तक पहुंच पाएंगी. जिसकी वजह से 2 मई साल 1976 को स्नेहलता रेड्डी को डायनामाइट केस में शामिल होने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में एक्ट्रेस के साथ ऐसी अमानवीयता की गई जिसे सुन आज भी लोग दंग रह जाते हैं. उस वक्त एक्ट्रेस स्नेहलता पर आईपीसी की धारा 120, 120A के तहत आरोप लगाकार गिरफ्तार किया गया और एक ऐसे कारावास में डाल दिया गया था. जहां स्नेहलता रेड्डी को कई रातें फर्श पर सोकर गुजारीं थीं.
कांग्रेस सरकार ने अभिनेत्री पर गलत इल्जाम और झूठे आरोप में पूरे 8 महिने तक स्नेहलता को टॉचर किया था. उनकी चीखने चलाने कि अवाज जेल के दुसरे लॉकर में बंद किए गए देश के पुर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) और भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Kamla Advani) तक सुनाई देती थी. देश के इन दोनों दिवंगत अभिनेताओं ने बताया था कि कैसे कारावास के समय उन्हें कानों में किसी एक महिला के चीखने चिलाने की आवाज सुनाई देती थी. लेकिन बाद में, उन्हें पता चला कि वो कोई और नहीं बल्कि कन्नड़ अभिनेत्री स्नेहलता रेड्डी थीं.
रिहाई के महज 5 दिन बाद स्नेहलता कि हुई निधन
बता दें, अभिनेत्री अस्थमा की मरीज थीं, इसके बावजूद भी इंद्रा गांधी सरकार ने बिना किसी गलती के अभिनेत्री को उनके घर से अरेस्ट किया और जेल में रखकर उन्हें कठोर सजा दिया और उनके साथ उपचार भी नहीं दिया जाता था. अस्थमा ही नहीं एक्ट्रेस के फेफड़ों में भी संक्रमण होने लगा था. उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी. एक्ट्रेस कि हालत इतनी खराब हो गई थी कि कभी भी उनकी जान जा सकती थी. लिहाजा जेल प्रशासन ने एक्ट्रेस को पैरोल पर छोड़ दिया. जेल में तबियत बिगड़ने की वजह से 15 जनवरी 1977 स्नेहालता जेल से बाहर आईं.
एक्ट्रेस जेल से तो बाहर आ गईं, लेकिन अपने साथ जेल में हुए जुल्म के बारे में रात-दिन सोचती रहीं. इन्हीं सब कशमकश में 20 जनवरी साल 1977 को रिहाई के महज 5 दिन बाद अभिनेत्री सनेहालता इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गईं. अभिनेत्री सनेहालता रेड्डी की बेटी नंदना आज भी अपनी मां के साथ हुए इस बर्ताव को सोचकर सिहर उठती हैं. नंदना रेड्डी समाजिक कार्यकर्ता के एक पत्रकार भी हैं और वो अपनी मां की मौत को एक हत्या के रूप में देखती हैं और आज भी वो गांधी परिवार और इंद्रा गांधी को अपनी मां का कातिल मानती हैं. जेल रहने के दौरान एक्ट्रेस ने एक चिट्ठी भी लिखा था.
उस लेटर में एक्ट्रेस ने जेल में हुए उन अत्याचारों को साफ-साफ लिखा था. इस लेटर को उनके निधन के बाद अप पर्सेंट डायरी के नाम से पब्लिश भी किया गया था. आज भले ही एक्ट्रेस स्नेहलता रेड्डी हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन साउथ फिल्म इंडस्ट्री में उनका नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है. लोग एक्ट्रेस स्नेहलता रेड्डी को सिर्फ याद ही नहीं करते बल्कि शाहिद का दर्जा भी देते हैं.
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